Wednesday, February 9, 2011

दोस्तों मै पहली बार अपने ब्लॉग में कुछ लिख रहा हूँ ,अतः आशा करता हूँ की आप लोगों को पसंद आएगा ,मेरे पास आध्यात्मिक ,आर्थिक,सामाजिक,औषधीय मसाला  भरा पड़ा है जिसे मै आप सभी गणमान्य पाठकों से बाटना चाहता हूँ. आप सभी महानुभावों का समर्थन और आशीर्वाद  चाहता हूँ, कृपया अपने जवाब भेजे ताकि लिखने के लिए मेरे हौसंला बड़े.
धन्यवाद 
आपका ही
डॉ.ब्रिजेश गुप्ता 
            (B.H.M.S.)

11 comments:

  1. आपका स्वागत है।

    ReplyDelete
  2. आपकी डिग्री पर तो नजर बाद में गई। आप होम्योपैथी पर सारगर्भित लेख लिखें तो कईयों का कल्याण होगा।
    और हॉ अपने चिट्ठे को किसी संग्राहक से जरूर जोड़ लें.

    ReplyDelete
  3. आप अपनी बात तो लिखे तभी तो हम पढेंगे।

    ReplyDelete
  4. आपका स्वागत है महानुभव

    ReplyDelete
  5. सत्यप्रकाश जी हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद मगर आपकी ये बात "और हॉ अपने चिट्ठे को किसी संग्राहक से जरूर जोड़ लें." मै जरा समझा नहीं कृपया थोडा विस्तार करने का कष्ट करे,नया हूँ न !
    - डॉ. ब्रिजेश गुप्ता.

    ReplyDelete
  6. स्वागत.
    नए ब्लॉग की जानकारी लोगों तक संग्राहकों से ही पहुँचती है. जैसे मुझे
    इस ब्लॉग के बारे में 'चिट्ठाजगत' से पता चला. ऐसे संग्राहकों से जुड
    आप अन्य ब्लोग्स की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं.

    gandhivichar

    ReplyDelete
  7. डॉक्टर साहब नमस्ते !
    आपका स्वागत है जल्दी से कुछ लिख डालिए ...प्रतीक्षा रहेगी .

    ReplyDelete
  8. आदरणीय डॉ.ब्रिजेश गुप्ता जी
    आप लिखना शुरू कीजिये हम आया करेंगे पढने ....आपका शुक्रिया

    ReplyDelete
  9. कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
    वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
    डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो NO करें ..सेव करें ..बस हो गया .

    ReplyDelete
  10. इस बात में कोई भी दो राय नहीं है कि लिखना बहुत ही अच्छी आदत है, इसलिये ब्लॉग पर लिखना सराहनीय कार्य है| इससे हम अपने विचारों को हर एक की पहुँच के लिये प्रस्तुत कर देते हैं| विचारों का सही महत्व तब ही है, जबकि वे किसी भी रूप में समाज के सभी वर्गों के लोगों के बीच पहुँच सकें| इस कार्य में योगदान करने के लिये मेरी ओर से आभार और साधुवाद स्वीकार करें|

    अनेक दिनों की व्यस्ततम जीवनचर्या के चलते आपके ब्लॉग नहीं देख सका| आज फुर्सत मिली है, तब जबकि 14 फरवरी, 2011 की तारीख बदलने वाली है| आज के दिन विशेषकर युवा लोग ‘‘वैलेण्टाइन-डे’’ मनाकर ‘प्यार’ जैसी पवित्र अनुभूति को प्रकट करने का साहस जुटाते हैं और अपने प्रेमी/प्रेमिका को प्यार भरा उपहार देते हैं| आप सबके लिये दो लाइनें मेरी ओर से, पढिये और आनन्द लीजिये -

    वैलेण्टाइन-डे पर होश खो बैठा मैं तुझको देखकर!
    बता क्या दूँ तौफा तुझे, अच्छा नहीं लगता कुछ तुझे देखकर!!

    शुभाकॉंक्षी|
    डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’
    सम्पादक (जयपुर से प्रकाशित हिन्दी पाक्षिक समाचार-पत्र ‘प्रेसपालिका’) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
    (देश के सत्रह राज्यों में सेवारत और 1994 से दिल्ली से पंजीबद्ध राष्ट्रीय संगठन, जिसमें 4650 से अधिक आजीवन कार्यकर्ता सेवारत हैं)
    फोन : 0141-2222225(सायं सात से आठ बजे के बीच)
    मोबाइल : 098285-02666

    ReplyDelete
  11. प्रिय हरीश जी
    आपका मेल आई डी ही गलत दिखा रहा है,कृपया जांच करे.

    indianbloger @gmail .com

    ReplyDelete