हृदय रोगों,एन्जानल पैन, उच्च कोलेस्ट्रॉल या उच्च रक्तचापके जैसे रोगों के लिए भी होम्योपैथी
जैसी निर्दोष चिकित्सा पद्धत्ति.....!!!!!!!
आइये जाने........
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होम्योपैथिक उपचार विभिन्न हृदय रोगों में कारगर रहे हैं। यह रोगसूचक हृदय रोग में, उच्च रक्तचाप से, हाइपरकैलोस्ट्रोलेमिया और हृदय अरहायथिमियास से तीव्रता से राहत दे सकता है। यह सुरक्षित है, प्राकृतिक, प
जैसी निर्दोष चिकित्सा पद्धत्ति.....!!!!!!!
आइये जाने........
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होम्योपैथिक उपचार विभिन्न हृदय रोगों में कारगर रहे हैं। यह रोगसूचक हृदय रोग में, उच्च रक्तचाप से, हाइपरकैलोस्ट्रोलेमिया और हृदय अरहायथिमियास से तीव्रता से राहत दे सकता है। यह सुरक्षित है, प्राकृतिक, प
्रभावी उत्पादों और प्रक्रिया, के साथ लगभग कोई दुष्प्रभाव नही है, और लत के लिए भी कोई संभावना नही है।
हृदय रोगों के लिए होम्योपैथिक चिकित्सा :
होम्योपैथी हृदय रोगों की रोकथाम और दिल के दौरे के बाद रोग के रोगियों के प्रबंधन में मुख्य भूमिका निभाती है। होम्योपैथिक दवाएं हृदय रोगों के नियंत्रण और दिल के दौरे के विभिन्न कारणों जैसे कोलेस्ट्रॉल मे वृद्धि, उच्च रक्तचाप आदि को भी रोकता है। लेकिन गंभीर दिल के दौरे के मामले में इमर्जन्सी चिकित्सा लेना ना भूले |
उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए उपचार
होम्योपैथिक चिकित्सा उच्च कोलेस्ट्रॉल का उपचार कर अथेरोस्क्लेरोसिस को भी नियंत्रित कर सकती है जो धमनियों के अवरोधन का और दिल के दौरे का कारण होता हैं।
होम्योपैथिक चिकित्सा में Sumbul , Strophanthus , Strontium Carb. रक्त कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए प्रभावी रहे हैं। कुछ होम्योपैथिक औषधियों को हृदय वाहिकाओं मे कोलेस्ट्रॉल के संचय को कम करने के लिए भी मशहूर माना जाना जाता है। इनमे Crataegus,Aurum Met., Baryta Carb., Calcarea Carb. शामिल हैं।
होम्योपैथिक उपचार आहार संशोधन और नियंत्रण के साथ जुङा है, अतः औषधि के साथ हि शारीरिक व्यायाम भी किया जाना चाहिए। उपचार में कोई परिवर्तन प्रायः रक्त कोलेस्ट्रॉल के परीक्षण के बाद किया जाता है। औषधियों के प्रभाव के आधार पर दवाओं का प्रयोग आमतौर पर धीरे - धीरे कम होता जाता है। अक्सर दवा का चयन लक्षणों और वैयक्तिक आधार पर हि किया जाता है।
उच्च रक्तचाप का उपचार:
रोगीयों में उच्च रक्तचाप का उपचार रोगी के द्वारा पूर्व में ली जा रही चिकित्सा (एलोपैथी या होम्योपैथिक) पर भी निर्भर करता है ।
इसमें कुछ दवाओं जैसे Aurum met., Belladonna, Calcarea Carb., Glonoine, Lachesis, Nat.Mur., Nux Vom., Phos., और Plb.Met. जैसी औषधियां शामिल हैं,
ऐसे रोगी जो उच्च रक्तचाप के नियंत्रण के लिए एलोपैथिक दवाओं का इस्तेमाल करते है जैसे बीटा ब्लॉकर्स, कैल्शियम, चैन ब्लॉकर्स, एसीड इनहिबीटर आदि लम्बी अवधि के लिए होम्योपैथिक उपचार के साथ आमतौर पर मुश्किल है। अतः कई बार देखा गया है की उच्च रक्तचाप के नियंत्रण एवं हृदय रोगों के लिए ली जा रही एलोपैथिक दवाओं के साथ हि कुछ चिकित्सक होम्योपैथिक दवाएं भी देतें है जैसे Rauwolia, Allium Sativum, Pssiflora, Baryta Mur., Adrenalin, Belladonna,Glonoine, GelGelsemium जो रोगियों के लिये प्रायः बहूत हि लाभदायक साबित होती है।
यदि आप उच्च रक्तचाप या उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए नियमित रूप से होम्योपैथी उपचार करा रहे है, तो औषधियों के साथ हि साथ आप को अपने चिकित्सक की सलाहनुसार बताए गए परहेजों और व्यायाम को भी अपनी दैनिक दिनचर्या में जोड़ना चाहिए......
यदि आप एलोपैथिक दवाओं के साथ हि होम्योपैथिक उपचार भी करा रहे है तो इस बारे में अपने दोनों चिकित्सको को सूचित करे। अपने चिकित्सकों के परामर्श के बिना एलोपैथिक दवाओं को लेना बंद या उनके साथ समायोजन ना करें | होम्योपैथिक दवाओं के साथ तीव्र दिल के दौरे के उपचार स्वीकार्य नहीं है। यदि आपको दिल का दौरा है तो आप इमर्जन्सी चिकित्सा लेना ना भूलें....!!!
रोगियों में होम्योपैथिक दवाओं के साथ संभावित उपचारात्मक समाधान प्रस्तुत है, दुर्लभ या कोई दुष्प्रभाव नही, लत की भी कोई संभावना नही और शायद ही कभी नकारात्मक दवाओं की पारस्परिक क्रियाएं हो। इन उपायों से आपके संपूर्ण शरीर को लाभ होगा और आप उत्तम स्वास्थय प्राप्त करेंगे और प्रायः एलोपैथिक दवाओं की आवश्यकता कम हि होगी।
हृदय रोगों के लिए होम्योपैथिक चिकित्सा :
होम्योपैथी हृदय रोगों की रोकथाम और दिल के दौरे के बाद रोग के रोगियों के प्रबंधन में मुख्य भूमिका निभाती है। होम्योपैथिक दवाएं हृदय रोगों के नियंत्रण और दिल के दौरे के विभिन्न कारणों जैसे कोलेस्ट्रॉल मे वृद्धि, उच्च रक्तचाप आदि को भी रोकता है। लेकिन गंभीर दिल के दौरे के मामले में इमर्जन्सी चिकित्सा लेना ना भूले |
उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए उपचार
होम्योपैथिक चिकित्सा उच्च कोलेस्ट्रॉल का उपचार कर अथेरोस्क्लेरोसिस को भी नियंत्रित कर सकती है जो धमनियों के अवरोधन का और दिल के दौरे का कारण होता हैं।
होम्योपैथिक चिकित्सा में Sumbul , Strophanthus , Strontium Carb. रक्त कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए प्रभावी रहे हैं। कुछ होम्योपैथिक औषधियों को हृदय वाहिकाओं मे कोलेस्ट्रॉल के संचय को कम करने के लिए भी मशहूर माना जाना जाता है। इनमे Crataegus,Aurum Met., Baryta Carb., Calcarea Carb. शामिल हैं।
होम्योपैथिक उपचार आहार संशोधन और नियंत्रण के साथ जुङा है, अतः औषधि के साथ हि शारीरिक व्यायाम भी किया जाना चाहिए। उपचार में कोई परिवर्तन प्रायः रक्त कोलेस्ट्रॉल के परीक्षण के बाद किया जाता है। औषधियों के प्रभाव के आधार पर दवाओं का प्रयोग आमतौर पर धीरे - धीरे कम होता जाता है। अक्सर दवा का चयन लक्षणों और वैयक्तिक आधार पर हि किया जाता है।
उच्च रक्तचाप का उपचार:
रोगीयों में उच्च रक्तचाप का उपचार रोगी के द्वारा पूर्व में ली जा रही चिकित्सा (एलोपैथी या होम्योपैथिक) पर भी निर्भर करता है ।
इसमें कुछ दवाओं जैसे Aurum met., Belladonna, Calcarea Carb., Glonoine, Lachesis, Nat.Mur., Nux Vom., Phos., और Plb.Met. जैसी औषधियां शामिल हैं,
ऐसे रोगी जो उच्च रक्तचाप के नियंत्रण के लिए एलोपैथिक दवाओं का इस्तेमाल करते है जैसे बीटा ब्लॉकर्स, कैल्शियम, चैन ब्लॉकर्स, एसीड इनहिबीटर आदि लम्बी अवधि के लिए होम्योपैथिक उपचार के साथ आमतौर पर मुश्किल है। अतः कई बार देखा गया है की उच्च रक्तचाप के नियंत्रण एवं हृदय रोगों के लिए ली जा रही एलोपैथिक दवाओं के साथ हि कुछ चिकित्सक होम्योपैथिक दवाएं भी देतें है जैसे Rauwolia, Allium Sativum, Pssiflora, Baryta Mur., Adrenalin, Belladonna,Glonoine, GelGelsemium जो रोगियों के लिये प्रायः बहूत हि लाभदायक साबित होती है।
होम्योपैथिक उपचार के साथ सावधानी
यदि आप उच्च रक्तचाप या उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए नियमित रूप से होम्योपैथी उपचार करा रहे है, तो औषधियों के साथ हि साथ आप को अपने चिकित्सक की सलाहनुसार बताए गए परहेजों और व्यायाम को भी अपनी दैनिक दिनचर्या में जोड़ना चाहिए......
यदि आप एलोपैथिक दवाओं के साथ हि होम्योपैथिक उपचार भी करा रहे है तो इस बारे में अपने दोनों चिकित्सको को सूचित करे। अपने चिकित्सकों के परामर्श के बिना एलोपैथिक दवाओं को लेना बंद या उनके साथ समायोजन ना करें | होम्योपैथिक दवाओं के साथ तीव्र दिल के दौरे के उपचार स्वीकार्य नहीं है। यदि आपको दिल का दौरा है तो आप इमर्जन्सी चिकित्सा लेना ना भूलें....!!!
रोगियों में होम्योपैथिक दवाओं के साथ संभावित उपचारात्मक समाधान प्रस्तुत है, दुर्लभ या कोई दुष्प्रभाव नही, लत की भी कोई संभावना नही और शायद ही कभी नकारात्मक दवाओं की पारस्परिक क्रियाएं हो। इन उपायों से आपके संपूर्ण शरीर को लाभ होगा और आप उत्तम स्वास्थय प्राप्त करेंगे और प्रायः एलोपैथिक दवाओं की आवश्यकता कम हि होगी।
प्रस्तुत लेख का उद्देश्य, जनसामान्य में होमियोपैथिक चिकित्सा जैसी निर्दोष पद्धति के प्रति जागरूकता लाना मात्र है, कोई भी व्यक्ति लेख में वर्णित किसी भी औषधि को किसी कुशल होमियोपैथिक चिकित्सक से परामर्श के बाद हि लें, अपने आप किसी भी औषधि का प्रयोंग ना स्वयं पर करें, ना हि किसी अन्य रोगी पर कर के अपने तथा उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड करें...पाठकों से ऐसी हमारी करबद्ध प्रार्थना है......!!
होमियोपैथी के साथ हि साथ अब तो आधुनिक चिकित्साविज्ञान भी ये मान चुका है की शरीर में कोई भी रोग, तब तक अपने लक्षण नहीं प्रकट कर पाता जब तक की शरीर का रोगप्रतिरक्षा तंत्र मजबूत है, भले हि फिर शरीर में रोग के कीटाणुओं से सम्बंधित सारे टेस्ट पोजिटिव आये.....जैसे हि शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता घटी की शरीर पर रोग का आक्रमण हो जाता है......बस इसी स्थिति से निबटने के लिये आश्रम द्वारा तैयार किया गया है " होमियो पॉवर केअर "...जो कभी भी आप के शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता को घटने नहीं देता...और देता है शरीर में स्फुर्ती और बल.......|
अधिक जानकारी के लिये संपर्क करे.....डॉ. बृजेश गुप्ता +91 1704 223343, +91 93189 88739.