दोस्तों मै पहली बार अपने ब्लॉग में कुछ लिख रहा हूँ ,अतः आशा करता हूँ की आप लोगों को पसंद आएगा ,मेरे पास आध्यात्मिक ,आर्थिक,सामाजिक,औषधीय मसाला भरा पड़ा है जिसे मै आप सभी गणमान्य पाठकों से बाटना चाहता हूँ. आप सभी महानुभावों का समर्थन और आशीर्वाद चाहता हूँ, कृपया अपने जवाब भेजे ताकि लिखने के लिए मेरे हौसंला बड़े.
धन्यवाद
आपका ही
डॉ.ब्रिजेश गुप्ता
(B.H.M.S.)
आपका स्वागत है।
ReplyDeleteआपकी डिग्री पर तो नजर बाद में गई। आप होम्योपैथी पर सारगर्भित लेख लिखें तो कईयों का कल्याण होगा।
ReplyDeleteऔर हॉ अपने चिट्ठे को किसी संग्राहक से जरूर जोड़ लें.
आप अपनी बात तो लिखे तभी तो हम पढेंगे।
ReplyDeleteआपका स्वागत है महानुभव
ReplyDeleteसत्यप्रकाश जी हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद मगर आपकी ये बात "और हॉ अपने चिट्ठे को किसी संग्राहक से जरूर जोड़ लें." मै जरा समझा नहीं कृपया थोडा विस्तार करने का कष्ट करे,नया हूँ न !
ReplyDelete- डॉ. ब्रिजेश गुप्ता.
स्वागत.
ReplyDeleteनए ब्लॉग की जानकारी लोगों तक संग्राहकों से ही पहुँचती है. जैसे मुझे
इस ब्लॉग के बारे में 'चिट्ठाजगत' से पता चला. ऐसे संग्राहकों से जुड
आप अन्य ब्लोग्स की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं.
gandhivichar
डॉक्टर साहब नमस्ते !
ReplyDeleteआपका स्वागत है जल्दी से कुछ लिख डालिए ...प्रतीक्षा रहेगी .
आदरणीय डॉ.ब्रिजेश गुप्ता जी
ReplyDeleteआप लिखना शुरू कीजिये हम आया करेंगे पढने ....आपका शुक्रिया
कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
ReplyDeleteवर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो NO करें ..सेव करें ..बस हो गया .
इस बात में कोई भी दो राय नहीं है कि लिखना बहुत ही अच्छी आदत है, इसलिये ब्लॉग पर लिखना सराहनीय कार्य है| इससे हम अपने विचारों को हर एक की पहुँच के लिये प्रस्तुत कर देते हैं| विचारों का सही महत्व तब ही है, जबकि वे किसी भी रूप में समाज के सभी वर्गों के लोगों के बीच पहुँच सकें| इस कार्य में योगदान करने के लिये मेरी ओर से आभार और साधुवाद स्वीकार करें|
ReplyDeleteअनेक दिनों की व्यस्ततम जीवनचर्या के चलते आपके ब्लॉग नहीं देख सका| आज फुर्सत मिली है, तब जबकि 14 फरवरी, 2011 की तारीख बदलने वाली है| आज के दिन विशेषकर युवा लोग ‘‘वैलेण्टाइन-डे’’ मनाकर ‘प्यार’ जैसी पवित्र अनुभूति को प्रकट करने का साहस जुटाते हैं और अपने प्रेमी/प्रेमिका को प्यार भरा उपहार देते हैं| आप सबके लिये दो लाइनें मेरी ओर से, पढिये और आनन्द लीजिये -
वैलेण्टाइन-डे पर होश खो बैठा मैं तुझको देखकर!
बता क्या दूँ तौफा तुझे, अच्छा नहीं लगता कुछ तुझे देखकर!!
शुभाकॉंक्षी|
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’
सम्पादक (जयपुर से प्रकाशित हिन्दी पाक्षिक समाचार-पत्र ‘प्रेसपालिका’) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
(देश के सत्रह राज्यों में सेवारत और 1994 से दिल्ली से पंजीबद्ध राष्ट्रीय संगठन, जिसमें 4650 से अधिक आजीवन कार्यकर्ता सेवारत हैं)
फोन : 0141-2222225(सायं सात से आठ बजे के बीच)
मोबाइल : 098285-02666
प्रिय हरीश जी
ReplyDeleteआपका मेल आई डी ही गलत दिखा रहा है,कृपया जांच करे.
indianbloger @gmail .com